जनजातीय भंवर में खोपड़ियों की सिम्फनी
0,00 złयह पैटर्न सममित रूप से व्यवस्थित तीन खोपड़ियों की एक जटिल रचना है, जो गतिशील आदिवासी रूपांकनों से घिरी हुई है। केंद्रीय खोपड़ी बड़ी और अधिक विस्तृत है, जिसमें लौ जैसे उच्चारण हैं जो मृत्यु या जागृति के बाद जीवन का प्रतीक हो सकते हैं। किनारों पर दो छोटी खोपड़ियाँ संतुलन और सामंजस्य का तत्व जोड़ती हैं। संपूर्ण समरूपता बनाए रखते हुए, पूरी चीज़ आंदोलन और अराजकता का आभास पैदा करती है।